विश्वास

नहीं रहता मैं पत्थरों में
नहीं रहता आकाश में
मेरा घर तेरा ही दिल है
मैं हूँ तेरे विश्वास में

है विश्वास तो आऊंगा इक दिन
मेरा इंतज़ार करते रहना
गुज़रे ऐसे तेरी ज़िन्दगी
याद मुझे ही करते रहना

हो सच्चा विश्वास अगर फिर
हर जगह ही मुझे पाओगे
मैं ही राम कृष्ण खुदा अल्लाह
जिस रूप में तुम चाहोगे

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून