जीवन ज़हर हो चुका
हम तो तस्वीर को देख रो देते हैं
और वो तस्वीर में ही मुस्कुरा रहे हैं
लगता है इन अश्कों से ख़ुशी मिली उनको
शायद मोहबत के अश्क़ ही अजीब होते हैं
जल्दी जल्दी से बह जाते हैं ऐसे
जैसे इनको भी इंतज़ार हो तेरा
इश्क़ में रोती नहीं सिर्फ ऑंखें
देख ले साहिब मेरी रूह भी रोती है
है इलाज़ कोई इस रूह का मेरी
तो दवा करो इसकी भी कभी
तेरी है तेरी थी तेरी ही रहेगी
दूर करो अब इसके दर्द सभी
और दर्दों में अब जिया न जायेगा
जीवन ज़हर हो गया पिया ना जायेगा
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