है इश्क़ तेरा सांवरे

है इश्क़ तेरा सांवरे पागल बना रहा
नज़रों के तीर छोड़ के घायल बना रहा

इस दिल में बस गयी है मोहन तेरी अदाएं
है बचना मेरा मुश्किल जाएँ तो कहां जाएं
अपनी अदाओं से प्यारे मुझको रिझा रहा
नज़रों के तीर छोड़ के घायल बना रहा
है इश्क़ तेरा........

तिरछी निगाहें तेरी मदहोश कर रहीं हैं
इतनी मय पिला दी बेहोश कर रहीं हैं
अब कौन तेरे मयकदे से खाली जा रहा
नज़रों के तीर छोड़ के घायल बना रहा
है इश्क़ तेरा........

लुट ही गए सांवरिया तेरी इस नज़र से
पीछा ना मेरा छोड़े जाएँ हम जिधर से
क्यों हमको रोज़ रोज़ ही जलवा दिखा रहा
नज़रों के तीर छोड़ के घायल बना रहा
है इश्क़ तेरा..........

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