तेरे इश्क़ ने

तेरे इश्क़ ने क्या से क्या बनाया मुझे
जमीं पर ही जन्नतों का रुख दिखाया मुझे

है इनायत तेरी सनम की तुझसे इश्क़ हुआ
नहीं थी काबिल फिर भी काबिल बनाया मुझे
तेरे इश्क़ ने......

खुद पर अगर गौर करें तो खाक ही थे हम
तूने छूकर ये खाक फिर पाक बनाया मुझे
तेरे इश्क़ ने........

मेरे महबूब तुझ पर अब फ़िदा हैं हम
शुक्रिया है तेरा ये ख्वाब दिखाया है मुझे
तेरे इश्क़ ने........

हम तो बेमोल बिक गए तुमपर साहिब
तुमने खरीद कर अनमोल बनाया है मुझे
तेरे इश्क़ ने........

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