क्यों बैठे हो

क्यों बैठे हो दूर सांवरे किस दिन तुम आओगे
बाट निहारूँ तेरी सांवरे कब दर्शन दिखलाओगे

जन्मों जन्मों से बिछड़ी हूँ नाथ मुझे अपनालो
कौन लेगा अब सुधि मेरी तुम्हीं नाथ सम्भालो
इक बारी अब दे दो दर्शन और कितना तड़पाओगे
बाट निहारूँ तेरी सांवरे कब दर्शन दिखलाओगे
क्यों बैठे हो.......

नहीं जानती कोई विधि मैं किस विधि तुम्हें रिझाऊं
दर्द की मारी हाय मैं डोलूं चैन कहीँ ना पाऊँ
मन वीणा मेरी बजती निसदिन तुम कब मुरली सुनाओगे
बाट निहारूँ तेरी सांवरे कब दर्शन दिखलाओगे
क्यों बैठे हो..........

अंसुन् हार पिरोया भगवन आओ अब पहना दूँ
रैन दिवस नैन मेरे बरसे कैसे दिल भला लूँ
प्यास मिटेगी जन्म जन्म की जब कृपा बरसाओगे
बाट निहारूं तेरी सांवरे कब दर्शन दिखलाओगे
क्यों बैठे हो........

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