सबक दे रहे हो

लगता है यूँ ही गुज़र जायेगी ज़िन्दगी
हम आरज़ूओं की लाश कहां दफन करें

जो पल पल तेरा नाम लेती हैं सांसे
इन सांसों को अब किसके नाम करें

जो दिल सुन रहा आहटें तेरी ही
क्या दिल का भी अब दिल तोड़ दोगे

करती हूँ मोहबत मैं कबसे
क्या तुम भी मुझसे मोहबत करोगे

जो करोगे तो आओ आगोश में लो
क्यों इतनी मुझको तड़प दे रहे हो

निकल ना जाए कहीँ जान ना मेरी
ऐसे मुझे क्यों सबक दे रहे हो

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