कोई कहो यार मैनू किंझ मिलदा

कोई कहो यार मैनू किंझ मिलदा
मैं यार मना के लै आवां
इक घड़ी लङ्घ्नि वी औखी होई
हाय दर्द दिल दा किवें भुलावां

नहीं मिलदा मुल्ल ओह कोई वी
बदले विच आप ही विक जावाँ
मैं जिंद अपणी नू वेच सुट्टां
पर यार दी खैर मना जावाँ
कोई कहो........

नहीं जिंद मेरी दा मुल्ल कोई
तैनू देखे बिन सजणा मोई
कर टोटे टोटे जिस्म मेरे दे
रूह अपणी नू वी जला जावाँ
कोई कहो.........

पर जिस्म मेरा ताँ मिटटी दा
ते रूह सजणा है तेरी ही
फेर देर क्यों एनी लायी तूँ
हाय सबर किवें दस् पा जावाँ
कोई कहो........

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