मुझको कबूल प्यारे
मुझको कबूल प्यारे तेरे इश्क़ का नज़राना
दिल का दर्द भी मीठा और दर्दों का फ़साना
हमें अश्क़ भी कबूल के तेरे इश्क़ की इनायत
दर्द और गमों के दौर भी तेरे इश्क़ की अमानत
हमको सब कबूल है अब इश्क़ है निभाना
दिल का दर्द भी मीठा और दर्दों का फ़साना
मुझको कबूल प्यारे........
तेरे इश्क़ का असर है मैंने जो इश्क़ किया है
तेरी ख़ुशी को समझा तेरे दर्द को जिया है
अब हो गया है साहिब दिल ये तेरा दीवाना
दिल का दर्द भी मीठा और दर्दों का फ़साना
मुझको कबूल प्यारे........
तमन्ना है बह ही जाएँ तेरे इश्क़ में अब प्यारे
देखें तो सिर्फ तुझको और तेरे ही नज़ारे
तेरा दर छोड़ प्यारे अब मुझको कहाँ है जाना
दिल का दर्द भी मीठा और दर्दों का फ़साना
मुझको कबूल प्यारे.........
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