श्यामा वे इक वार मिल जा

बड़ा ओखा है दूर दूर रहणा
श्यामा वे इक वार मिल जा
तैनू हाल मैं दिल वाला कहणा
श्यामा वे इक वार मिल जा

केह्ड़ी गलों रहन्दा तू श्यामा दूर दूर वे
केहड़ा मैं गुनाह किता मेरा की कसूर वे
तेरे नाल लड़े मेरे नैणा
श्यामा वे इक वार मिल जा
बड़ा ओखा.......

मेरे कोल बैठ गल् दिल दी सुनाणी है
करदी उडीकां मुक् चली ज़िंदगानी है
होर किसनु हाल है कहणा
श्यामा वे इक वार मिल जा
बड़ा ओखा.........

मेरे कोल आ फुल राहां विच बिछा देवां
अपनी एह ज़िन्दगी नाम तेरे ला देवां
हुण तेरी ही होके रहणा
श्यामा वे इक वार मिल जा
बड़ा ओखा ..........

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