तुम आके लौट जाओगे

तुम आके लौट जाओगे तो ज़िंदा कैसे रहेंगे हम
यूँ ही हमको फिर सताओगे तो ज़िंदा कैसे रहेंगे हम

बेहतर यही होगा प्यारे तू अपने घर में रहना
हर दुःख दर्द मेरा तुमको नहीं है कहना
दिल से गर भुलाओगे तो ज़िंदा कैसे रहेंगे हम
तुम आके लौट जाओगे तो ज़िंदा कैसे रहेंगे हम
यूँ ही......,.,..

बस दिल को लगी रहे सांवल लग्न तुम्हारी
कबूल है इंतज़ार और कबूल है बेकरारी
ये ही अगर ले जाओगे तो ज़िंदा कैसे रहेंगे हम
तुम आके लौट जाओगे तो ज़िंदा कैसे रहेंगे हम
यूँ ही ...........

मुझे दर्द तेरा प्यारा इसको ही साहिब जी लूँ
अश्क़ मिले जो मुझको उनको ही भरके पीलूँ
ये मय भी ले जाओगे तो ज़िंदा कैसे रहेंगे हम
तुम आके लौट जाओगे तो ज़िंदा कैसे रहेंगे हम
यूँ ही...........

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