प्रेम की बेल

प्रेम बेल अंसुअन संग सींची
क्षण क्षण बढ़ती जावे !

प्रेम में मरनो ही जीनो है
या विधि प्रेम बढ़ावे !!

तप है आंसू तप है प्रतीक्षा
प्रीतम संग मिलावे !

कौन घड़ी मेरो सांवल रीझे
कौन घड़ी मिल जावे !!

जन्म तुम्हारे नाम सांवरे
दूजा जन्म न आवे !

दूर करो सब कष्ट नाथ जी
तुम बिन कौन हटावे !!

प्रेम को पथ है कठिन चलन को
तेरी कृपा बन जावे !

तेरी कृपा से ही तुझसे प्रेम हो
अधमी पतित कैसो पावे !!

जो कोई निरखे तुझे सांवरे
तेरो ही हो जावे !

जिस पर होवे कृपा तुम्हारी
वास् वृन्दावन को पावे !!

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