जे मैं इश्क़.......

जे मैं इश्क़ विच नाकाम हो जाणा
तां नाम तेरा वी बदनाम हो जाणा

क्यों इश्क़ होया मैनू नाल तेरे
क्यों तेरी परवाह कीती मैं
मैं रुल्दी रुल्दी रूल जांदी
हुण सड़के सुवाह मैं हो जाणा
जे मैं इश्क़ ........

क्यों तू प्रीत लगाई नाल मेरे
जे निभाणी तैनू नहीं आनंदी सी
सोखा नहीं सजणा लाणा अखियाँ
ओखा बड़ा प्रीत निभा जाणा
जे मैं इश्क़.......

एह इश्क़ वी चीज़ अव्वली है
हारण वाला जितदा हर बाज़ी है
हुण सजणा तेरे तों मैं हार गयी
आज तैनू ही फेर जिता जाणा
जे मैं इश्क़.......

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून