तेरा इश्क़ मुझे
तेरा इश्क़ मुझे सबसे अज़ीज़ है
तेरी ही सौगात है तेरी ही चीज़ है
तेरा इश्क.......
मुझे कब हुआ था तुझसे तूने चाहा तो किया
मैं बस मांगती रही तूने दिया ही दिया
दिल को तेरा ही रोग अब तेरा मरीज़ है
तेरा इश्क़........
रख लूँ मैं साथ तुमको पल भी ना भूलूँ
तेरा नाम लबों पे मेरे और नाम ना लूँ
मेरे गले में बन्ध गया अब तेरा तावीज़ है
तेरा इश्क़......
तूने ऐसे मय पिला दी बेखुद से हो गए
भूले सारा जहां बस तेरे ही हो गए
तूने अपना लिए मुझे पर ये बन्दा नाचीज़ है
तेरा इश्क़........
Comments
Post a Comment