पलक लगी ना

पलक लगी ना कटे नहीं रतियाँ
पिया बिना कासे कहूं बतियाँ
ऐ री सखी घनश्याम ना आये
पिया बिना बाँवरी चैन ना पाये
पलक लगी ना......

सावन भी पिया बिन ही गवाया
अखियों ने अब सावन बरसाया
आओ पिया जी मेरी खबर लो
पिया बिन बाँवरी चैन ना पाये
पलक लगी ना.........

नित नित पिया जी सन्देस भिजवाई
क्यों कर छोड़े मुझको पराई
पिया जी कोई सन्देस ना भेजे
पिया बिन बाँवरी चैन ना पाये
पलक लगी ना.....

फाग है आया बसन्त ऋतु आई
मनमोहक बसन्त ऋतु आई
आओ पिया संग होरी खेलें
पिया बिन बाँवरी चैन ना पाये
पलक लगी ना.......

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून