यूँ ना करो दीवाना

यूँ ना करो दीवाना मेरी नींद खो जायेगी
इश्क़ हद से बढ़ गया तो फिर दीद हो जायेगी

मुझको बेखुद करदो मेरा होश तुम उड़ा दो
कब से तड़प रही हूँ यूँ ना मुझे सज़ा दो
तेरी तड़प ही मिलने की उम्मीद हो जायेगी
इश्क़ हद से बढ़.......

माना नहीं हूँ काबिल तुम तो काबिल हो
मंझदार में है कश्ती तुम मेरे साहिल हो
नज़रें तेरी उठी तो आफरीन हो जायेगी
इश्क़ हद से बढ़........

मुझे रहना नहीं है प्यारे इक पल भी बिन तुम्हारे
किस काम की ये दौलत किस काम के नज़ारे
तेरे मिले बिन दुनिया मेरी गमगीन हो जायेगी
इश्क़ हद से बढ़........

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