हे प्रभु भक्ति दो अपनी

हे प्रभु भक्ति दो अपनी
भाव विकसित कर दो

कामना मन में हो न कोई
ऐसा मुझको वर दो

तुमने इतना दिया है दाता
कामना सब हर लो

तेरा हो तुझमें ही मिल जाऊँ
ऐसी किरपा कर दो

वासनाएं हो खत्म सारी
सादगी से भर दो

मन में जागे प्रेम केवल
ऐसा हमको वर दो

पाप पुण्य का चक्र न हो
केवल अपनी चरण रज दो

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