मैं ताँ उड़ उड़ जावाँ वृन्दावन वे
मैं ता उड़ उड़ जावां वृन्दावन वे
तेरे कोल रह जावाँ वृन्दावन वे
मैनू हुण तूँ ना वापिस मोड़ी वें
रख ले सेवा विच वृन्दावन वे
कल वापिस मैनू क्यों मोड़या
इस कमली दा दिल क्यों तोड्या
सेवा चरणां दी पावाँ वृन्दावन वे
मैं ताँ.........
इस कमली दी तेरे हथ डोर वे
चाहे रखें तू चाहे देवीं तोड़ वे
बस ऐहथे रह जावाँ वृन्दावन वि
मैं ताँ .......
इस कमली दी आस वृन्दावन वे
मिले मैनू कड़े वास वृन्दावन वे
तेरी सेवा मैं पावाँ वृन्दावन वे
मैं ताँ.......
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