तेरा इश्क़ ही बन्दगी मेरी

तेरा इश्क़ ही बंदगी मेरी
तू ही है अब जिंदगी मेरी
चाहे सुबह हो या शाम हो
मुझको बस तुझी से काम हो

ये दुनिया नही अब कुछ काम की
मिले एक जगह भी न आराम की
आगोश में अब भर लो बस मुझे
इस बेचैन दिल को कुछ आराम हो

खामोशियां भी मेरी बोलती है
राज़ ए इश्क़ ये भी खोलती है
एक बार मेरी धड़कनो को सुनो
दिल लेकर ही धड़के तेरे नाम को

बाँवरी मीता

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