आँखों से ही पिला दो
आँखों से ही पिला दो थोड़ी सी
के अब होश में रहना नही है
क्या हाल है मेरा खुद आके देखो
अपनी जुबान से कहना नही है
मेरी बेचैनियों को भी समझो
जान पर मेरी बन आई है
तेरे बिना कैसा जीवन हो मेरा
एक पल भी जिंदा रहना नही है
बादल बनकर बरस जाओ अब
के बूँद बूँद से कुछ भी बने ना
समेट लो अपनी बाँहों में मुझको
चलती हवाओं में बहना नही है
बाँवरी मीता
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