मेरा रूठ गया मुरलीवाला
मेरा रूठ गया मुरली वाला यार
सखी री मनाउ कैसे
हाय रूठा है मेरा दिलदार
सखी री मनाउ कैसे
माखन मिश्री रोज़ ही खाये
गोपियों का जिया चुराये
चितचोर है मेरी सरकार
सखी री मनाउ कैसे
मेरा..........
गइआ लेके वन में जाय
राधे जू को वही बुलाय
बड़ा रंगीलो होय भरतार
सखी री मनाउ कैसे
मेरा.........
नित ही जमुना तट पर जाए
मीठी मीठी बंसी बजाए
और करे अखियन से वार
सखी री मनाउ कैसे
मेरा..........
घर घर से ये माखन चुराए
गोपियां चाहे जहाँ छिपाएँ
बस ढूंढ ही ले बनवार
सखी री मनाउ कैसे
मेरा.........
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