तेरा मिलना
ले चल अपने साथ
ये दुनिया ना मेरी है
जिस्म तो बना मिटटी का
और रूह तेरी है
तेरे बिन कोई ज़िन्दगी नही
हर साँस अधूरी है
अब तो आजा मेरे प्यारे
तेरा मिलना जरूरी है
तू मुझसे तो दूर नही है
मेरी ही मगरूरी है
मेरी मेरी मिटा दे साहिब
फिर तेरी ही तेरी है
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