मैं भूल जाऊँ

मैं भूल जाऊ वो दर्द सभी
जिनकी दवा तुम बन आये

ऐ यार तू मेरी मोहबत है
सच में ही खुदा तुम बन आये

तेरा जिक्र करु अब मैं सबसे
मेरे से संभाला जाये ना

तू बस गया है नस नस में मेरी
इस रूह से निकाला जाये ना

तुझमे में ही मुझको मिलना था
मेरा कोई नही टिकना था

तूने रंगा  यूँ अपने रंगो से
दिल होना ही तेरा दीवाना था

तेरी खुशबू से मैं महक रही
तूने महकाया है कुछ ऐसे

बेगानी हूँ इस जहां से मै
दिल आया है तुझपे ऐसे

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून