क्यों किया मैंने इश्क़

क्यों किया मैंने इश्क़ बताये कोई
क्या जरूरी था ये समझाए कोई

क्यों मेरा खुद पे कोई काबू नही
ये तेरे इश्क़ का है जादू कही

क्यों अब हालत मेरी दीवानो सी
हो रही है शमा परवानो सी

मिटने को है क्यों दिल की हसरते
बढ़ती ही जाती है तेरी मोहबते

मर जाऊ मै तुझमे फनाह हो जाऊ
ख्वाहिश है क्यों अब तबाह हो जाऊ

एक बार तो मिलने का इकरार कर
फिर तेरी खुशी के लिए जाऊ मै मर

यु भी मर रही हु ये जिंदगी नही
हाय मुझसे तो होती भी बंदगी नही

बस एक अश्क बहाना मेरा कम है
अब तेरे आशिकों में मेरा नाम है

बाँवरी मीता

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून