हो गया है इश्क़
हो गया इश्क़ तुझसे मेरा क्या कसूर है
जानती हूँ तेरे दिल में भी वफ़ा जरूर है
यु लगा लिया है दिल तुझसे अब क्या कहू
तू ही मेरा साहिब और तू ही हज़ूर है
हर शै में तुझको देखूँ ऐसे बस गया है तू
नज़र मेरी जहाँ जाये बस तेरा ही नूर है
आहट सी सुनती हु अब तेरे आने की मै
सुना तेरे यहाँ वादा निभाने का दस्तूर है
दिल को ये तस्सली है यार मेरा आएगा
दिल भी उसके सीने में धड़कता जरूर है
खोने और पाने के हो रहे है सिलसिले
कभी लगे तो पास है कभी लगे तू दूर है
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