ये भी तेरी इनायतें

प्यारे तुम जो याद आ रहे हो ये भी तेरी इनायतें
मिटती ही जा रहीं हैं लबों से सभी शिकायतें

मैंने अब तलक ना सीखा तेरे दर पे सज़दा करना2
मुझे इश्क़ करना है आता होती नहीँ इबादतें2
प्यारे तुम जो.......

ये भी नही है मुमकिन की तेरा नाम भूलूँ2
रग रग में बस रहीं हैं प्यारे तेरी मोहबतें2
प्यारे तुम जो.......

दीदार की तलब है ऑंखें तरस रहीं हैं2
तुझसे ही रंग ए जिंदगी तुझसे सभी इनायतें2
प्यारे तुम जो......

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून