क्यों धड़कने बढ़ाते हो
क्यों धड़कने बढ़ाते हो मेरी
हाय कैसी मोहबत है तेरी
करते भी नही हो बेवफाई
फिर भी याद ना मेरी आई
तेरे चाहने वाले लाखों है माना
कही होगा ना मुझसा दीवाना
इश्क़ तेरा अब सर चढ़के बोले
राज़ मोहबत के सारे ये खोले
तेरा इंतज़ार मेरी जान ले जाए
हाय तुझको मेरी याद ना आए
सिसकियां उठ रही अब तो आजा
ओ सितमगर नज़र में समा जा
अब तेरे बिन रहा नही जाए
हाल दिल का किसे हम सुनाए
इससे अच्छा है मौत आ जाए
तेरे दर्द से ही मुझको छुड़ाए
अब तो आजा सनम अब तो आजा
रूह मेरी तुझे अब बुलाए
बाँवरी मीता
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