बेचैनियां
कितनी बेचैनियां बढ़ रही हैं
एक पल भी चैन नही है
हाय कबसे जाग रही हूँ
सोये मेरे नैन नही है
अब टूट चुका जिस्म ये
सुन लो रूह की पुकार
मार ही ना दे तड़प मुझे
आ जाओ बस एक बार
तेरे बिना कुछ याद नही है
दिल करता फरियाद यही है
सुनी मेरे दिल की बस्ती
तेरे बिना आबाद नही है
रोम रोम आवाज़ लगाए
आजा प्यारे तुझे बुलाए
कितना और अभी इंतज़ार
जाने कब तेरा पाऊं प्यार
रोती रोती अब गयी हार
आजा प्यारे बस एक बार
तुझको कभी तो आना होगा
अपना प्यार निभाना होगा
मुझको गले लगाना होगा
एक बार तो आना होगा
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