एक बार तो देख
एक बार तो देख जख्म दिल के
अब तो अश्क़ भी मेरे लहू के हुए
कितना दर्द है तेरी जुदाई का
लफ्जों में अब कहां बंध पायेगा
दिल चीर के अब मेरा प्यार बहे
तुझसे अब मेरी कहानी कहे
ये दुरी सहना है मुश्किल
मेरा जिंदा रहना है मुश्किल
कैसे रोकूँ बेताब हुए अरमान
तुझे देखे बिन अब गयी ये जान
दीदार तेरे की प्यास लगी
कबसे आने की आस लगी
रूह की बेचैनी देखो तुम
सांसे भी होती जाए गम
हाय तड़प के ही न रह जाऊ
कभी हाल तुम्हे भी कह जाऊ
अब इंतहा हुई मेरे प्यारे
अब तो मिलने आजा रे
बाँवरी मीता
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