सूख गयी मेरो बैरन अखियां

सूख गयी मेरो बैरन अखियां
पिया बिना पल चैन न आवे
पिया बिना अब कछु न भावे
कासे कहूं अब मन की बतियां
सूख गयी मेरो बैरन अखियां

सारी सारी रैन् अब जागें
पिया बिना न कछु भी मांगे
थम जावें ये निगोड़ी सांसे
कासे कहूं अब मन की बतियां
सूख गयी मेरो बैरन अखियां

जीना मरना हुआ समाना
अपनो ही देस लगे बेगाना
खबर दियौ कब होगा आना
कासे कहूं अब मन की बतियां
सूख गयी मेरो बैरन अखियां

कागा मेरो संदेसा लीजो
जाके पिया को सुनाय दीजो
आवन में अब देर ना कीजो
कासे कहूं अब मन की बतियां
सूख गयी मेरो बैरन अखियां

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