सारी सारी रैन बाँवरी

सारी सारी रैन बाँवरी
आँखों में ही बिताये
अब आएं शाम पिया मोरे
हर पल आस लगाये

पिया बिना मन नहीँ माने
पल भी चैन न आये
इक पल भी इक बरस लगे
अब बीते नहीं बिताये
अब आएं मेरे शाम पिया
हर पल आस लगाये
सारी........

पिया दूर देस मेरे रहते
अखियन में न समाये
कैसे जियूँ मैं बिरहन हाय
अब तो जिया ना जाये
अब आएं मेरे शाम पिया
हर पल आस लगाये
सारी.......

तेरे प्रेम में भई बाँवरी
सब जग दियो भुलाय
जब तक तेरो दरस होय ना
आग में जलती जाये
अब आएं मेरे शाम पिया
हर पल आस लगाये
सारी.......

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