बेकरारी रहे
मौला मेरे इतना करम हो मुझ पर
की मेरे दिल में ऐसी बेकरारी रहे
यूँ ही याद रहे हर पल तेरी ही
तेरी बेकरारी मुझे उम्र सारी रहे
तू न हो तो हर पल मौत हो मेरी
तेरा ही जनून मुझपे उम्र सारी रहे
होती रहें बरसातें रहमतों की ऐसे
मुझपे तेरे इश्क़ की खुमारी रहे
दफन होतीं रहें नापाक हसरतें मेरी
मेरे दिल को बस तेरी तलबगारी रहे
जाने कब मुझको दीद हो तेरी
यही ख्वाहिश मुझे उम्र सारी रहे
छुपी रहूँ आगोश में तेरे फिर भी
खत्म ना होने वाली बेकरारी रहे
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