तेरी तड़प भी जान से प्यारी है
तू कमाल तेरा इश्क़ भी कमाल है
मुझे तुझसा इश्क़ कहां होगा
अश्क़ आते हैँ तू आता नही पर
सोचती हूँ खुश होगा जहां होगा
क्या तेरे दिल में भी टीस उठती है
क्या तुझे भी दर्द कभी होता है
तू अपने गम मुझे दे दे सब
ये दिल तेरे गमों में भी रोता है
क्यों दूर करते हो अपने से यूँ
जानती हूँ तुम नही रह पाते हो
सुन सकती हूँ महसूस करती हूँ
जो तुम मुझसे ना कह पाते हो
तुम पूरी दुनिया के मालिक हो
ये रूह अब हो चुकी तुम्हारी है
कितनी तड़प कितना रोना मुझे
तेरी तड़प भी जान से प्यारी है
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