मेरी मोहबत पर यक़ीन

मेरी मोहबत पर कर यकीन तू
कबसे तुझको पुकारू रो रोकर
तेरे बिन जिंदा नही रहना मुझे
जिंदगी है बस तेरी होकर

बेकरारी की भी हद होती है
मेरी बेकरारी हदें तोड़ चली
तेरे दीदार को तड़पे आँखे
रूह भी मेरी जिस्म छोड़ चली

तूने इकरार किया था आने का
वक़्त है वादे सब निभाने का
अब वक़्त हो चला मिट जाने का
रूह को इंतज़ार तुझे पाने का

बाँवरी मीता

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