कोई नही गोपाल
कोई नही गोपाल मेरा तुम बिन
कोई नही नन्दलाल मेरा तुम बिन
झूठा है सब प्यार जगत का
कोई नही आधार तुम बिन
झूठे है इस इस जगत के नाते
कभी रुलाते कभी हसाते
मोह माया में हमे फसाते
कौन सके है निकाल तुम बिन
कोई नही नन्दलाल.......
अपनी शरण बुला लो प्यारे
अब तो गले लगा लो प्यारे
माया अपनी हटा लो प्यारे
देखो हुआ क्या हाल तुम बिन
कोई नही नन्दलाल.......
अब तो हुई मेरी हार सांवरे
लेती रहूँ तेरा नाम सांवरे
देखें राह तेरी नैन बांवरे
कोई नही खयाल तुम बिन
कोई नही नन्दलाल.....
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