अब तेरे सिवा
ऐसा भी कभी हो सकता था
ये मुझको मालूम ना था
यूँ इश्क़ में दिल खो सकता था
ये मुझको मालूम ना था
तू चाहेगा मुझको यूँ भी
ऐसे मेरे एहसास ही थे
मैं पास होके भी दूर हुई
तुम दूर होके भी पास ही थे
ऐसी भी होगी जिंदगी कभी
मैंने ऐसे सोचा ही नही
ये असर है तेरी मोहबत का
बदल दी तूने मेरी जिंदगी
शुक्रिया भी गैरों का होता है
तेरा शुक्राना कैसे कहू
अब मैं तुझसे जब जुदा नही
तू है बेगाना कैसे कहू
यूँ दिल में मेरे समाय हो
कुछ और मुझे अब याद नही
तेरे में ही खो चुकी हु अब
अब और कोई फरियाद नही
अब तेरे सिवा कुछ याद नही
अब तेरे सिवा कुछ याद नही
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