तुझे चाहना बस चाहना

हटती नही नज़र मेरी क्यों तेरी तस्वीर से
शिकवा रहा अब ना कोई जाने क्यों तकदीर से
हुआ है इश्क़ तुझसे यही मेरी जिंदगी है
तुझे चाहना बस चाहना यही मेरी बन्दगी है

मत हटाओ ये चिलमने रहने दो दरमियाँ
तेरी तस्वीर पे ही मिट गयी तुझे कैसे देखूँ बता
तेदेपा तेरे लिए बन जाये यही मेरी जिंदगी है
तुझे चाहना बस चाहना यही मेरी बन्दगी है

खामोश रहने दो जुबाँ तेरी नज़र बोलती है
सुन रही हूँ फ़साने इश्क़ के धीरे से ही
तेरे एहसास से ही महक रही मेरी ज़िन्दगी है
तुझे चाहना बस चाहना यही मेरी बन्दगी है

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