कब प्यार के नगमे

कब प्यार के नगमे होंगे
जो हम तुम मिल गाएंगे
अभी तो दर्द भरे ये आंसू
जाने कितना और रुलायेंगे

कभी तो तुम याद करोगे
कभी तो बात करोगे कोई
हम भी दिल की बातें
तब बैठ के तुम्हे सुनाएंगे

दो पल फुरसत के ले आओ
कभी मुझसे तुम मिलने आओ
बस तेरी और निहारेंगे
आँखों से अश्क़ बहायेंगे

ना लबो से कुछ भी कह पाये
तो आँखे ही कह देंगी सब
तुम बैठो तो कभी पास मेरे
सब राज़ ए वफ़ा सुनाएंगे

बाँवरी मीता

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