कहाँ हो तुम
कहाँ हो तुम पुकारे ये दिल मेरा
एक बार आ भी जाओ अब तो
कितना बेकरार कर के छोड़ा है
हाय मेरी प्यास भी बुझाओ अब तो
कैसे रोकू मै दिल में उठते तूफ़ान को
तुम्ही आकर रोक जाओ अब
तो
आय मेरी रूह कितनी प्यासी है
एक बार दीद तो कराओ अब तो
मर ही जाउंगी तेरे बगैर यारा
मुझको जीना फिर सिखाओ अब तो
बेताबियाँ बढ़ गयी है इतनी
यार आ जाओ आ जाओ अब तो
Comments
Post a Comment