रख लो पनाह में
अब रख लो पनाह में अपनी
अब भी लौटा पाओगे क्या
रह नहीँ सकती अब बिन तुम्हारे
तुम बिन मेरे रह पाओगे क्या
कह देती हूँ जो भी हो दिल में
तुम भी दिल की बात बताओगे क्या
हर जख्म दिखाया है तुमको
तुम भी अपना दर्द दिखाओगे क्या
जुड़ गया अब दिल का नाता तुमसे
अब जन्मों का साथ निभाओगे क्या
अब लौटना नही खाली दर से तेरे
प्यासी को खाली लौटाओगे क्या
रख ही लेना मुझे गुलाम बना कर
इतनी मलकियत निभाओगे क्या
तेरी थी तेरी हूँ तेरी ही रहूंगी
ऐसे ही मुझे अपनाओगे क्या
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