मुझपे रहा न
मेरा मुझपे रहा ना कोई जोर सांवरे
बस खिंचती गयी तेरी और संवारे
तूने नैनो से अपने है घायल किया
मुझको अपना बनाया यूँ पागल
किया
मैं तो होती गयी भाव विभोर सांवरे
मेरा ............
तेरी मुस्कान भी लूट लेती है दिल
आजा आजा पुकारूँ मुझको एक बार मिल
तू ही दिल का मेरे बना चोर सांवरे
मेरा.........
तुझको देखा तो मन की कली खिल गयी
अब खुशिओं की दौलत मुझे मिल गयी
सदा रखना कृपा की कोर सांवरे मेरा .....
तेरी रह निहारूँ कई जन्मों से मैं
आजा तुझको पुकारूँ कई जन्मों से मै
देखते ही तुझे हुए नैना बांवरे
मेरा.......
बाँवरी मीता
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