मेरे जीने की वजह
मेरा तुझसे बिछड़ना हुआ क्यों है
तू मुझमे है मुझसे ही जुदा क्यों है
क्यों जी रही हूँ मैं बगैर तेरे ही
फिर मेरी हर साँस से जुड़ा क्यों है
तेरा इश्क़ समझना मेरी औकात नहीं
तेरी तड़प ही दिल की दवा क्यों है
तेरा एहसास मेरे जीने की वजह है
इश्क़ नहीं तो जीने की वजह क्यों है
यूँ ही बख्शो अपनी तड़प उम्र भर की
की खुद दिल ही कहे इश्क़ हुआ क्यों है
जला दो जिस्म मेरा तार तार कर दो
पर मेरी रूह तुझपे ही फनाह क्यों है
तेरा मेरा रिश्ता जन्म भर का नहीं शायद
तू बता मेरे जीने की ही वजह क्यों है
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