श्यामा श्याम आज दोऊ नाचत

श्यामा श्याम आज दोऊ नाचें सखियाँ देत बधाई जी
शीतल मन्द मन्द पवन बहे आज मिलन ऋतु आई जी

बन बन मोरा श्याम जू नाचे श्यामा जू अकुलाई जी
छोड़ वंशी वादन को श्यामा श्यामसुंदर संग नचाई जी
श्यामा श्याम आज दोऊ नाचें सखियाँ देत बधाई जी
शीतल मन्द मन्द पवन बहे आज मिलन ऋतु आई जी

चहुँ और छायो आनन्द भारी सब सखियाँ मुस्काई जी
नवल चन्द्र दोऊ फिरत बौराय सखी सम्भार कराई जी
श्यामा श्याम आज दोऊ नाचें सखियाँ देत बधाई जी
शीतल मन्द मन्द पवन बहे आज मिलन ऋतु आई जी

कोऊ सखी युगल सेज बनावे कोऊ बीड़ा धर लाई जी
कोऊ पुष्पन माला करि पकरि कोऊ झारी भर लाई जी
श्यामा श्याम आज दोऊ नाचें सखियाँ देत बधाई जी
शीतल मन्द मन्द पवन बहे आज मिलन ऋतु आई जी

सब सखियन मिल युगल रिझाए सब सखियाँ हर्षाई जी
सुखी रहें नव युगल हमारे सखी उर यही आस समाई जी
श्यामा श्याम आज दोऊ नाचें सखियाँ देत बधाई जी
शीतल मन्द मन्द पवन बहे आज मिलन ऋतु आई जी

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