कभी मेरी गली आओ मोहन
कभी मेरी गली आओ मोहन ये भी तो जगह तुम्हारी है
मुझको दीवाना बना दिया ये इश्क़ तेरे की खुमारी है
कभी मेरी गली से गुज़रो मोहन ये प्यासे नैना तरस गए
सावन की काली बदरिया से दिन रात प्यारे बरस गए
दिल चीज़ है क्या साहिब मेरे ये जान भी तुम पर वारी है
कभी मेरी गली आओ मोहन.....,
तुम बिन किसे पुकारूँ मैं नहीं कोई और हमारा है
दुनिया के सहारे सब झूठे मोहन बस तेरा सहारा है
अब देर करो नहीं मनमोहन अटकी अब साँस हमारी है
कभी मेरी गली आओ मोहन.....
हर साँस ही तेरा नाम रटे हर साँस ही तेरी अमानत है
तुमने मुझको ये इश्क़ दिया मोहन ये तेरी मोहबत है
सब तेरा ही तुझको सौंप दिया मोहन तेरी हकदारी है
कभी मेरी गली आओ मोहन ये भी तो जगह तुम्हारी है
मुझको दीवाना बना दिया ये इश्क़ तेरे की खुमारी है
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