देख्यो री

देख्यो री दोऊ नैन पिया के तब ते मैं बौराय रही
तकत तकत मोरे नैना रोवें बाँवरी मैं अकुलाय रही
नैनन सों देय मारी कटारी हाय सखी छटपटाय रही
पिय पिय रटूं और सब भूली हाय पिया पिया गाय रही
और सखी अबहुँ कित देखूँ पिय बिन सब भुलाय रही

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