दासी कीजौ

दासी कीजौ जन्म जन्म री जैसो चाहो रख लीजौ
एकहुँ विनय करि जोर करूँ श्यामा चरणन रति दीजौ
खग विहग कोऊ जनावर कीजौ वास वृन्दविपिन को दीजौ
अधमन सिरमौर हूँ स्वामिनी अवगुण दृष्टि ना कीजौ
मोहे भरोसो तेरो किशोरी बाँह पकरि धरि लीजौ
नित नित पद पंकज सेवा पाऊँ महल टहलनी दीजौ
रैन दिन नाम रटूं तेरो स्वामिनी मोहे निज दासी कीजौ

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