तू पतंग मैं तेरी डोर

तू पतंग मैं तेरी डोर प्रियतम
तुम चाँद बनो मैं चकोर प्रियतम
जोड़ी अपनी बन्धी रहे प्रेम डोर से
एक तुम तो दूजा छोर मैं प्रियतम
रहें आनन्द मगन सदा प्रेममई
सदा रस में रहें विभोर प्रियतम
कभी वियोग की कारी रात्रि न रहे
सदा प्रेमभरी नित्य भोर प्रियतम
तुम पतंग मैं तेरी डोर प्रियतम
तुम चाँद बनो मैं चकोर प्रियतम

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून