कब तक तेरी तस्वीर से
कब तक तेरी तस्वीर से दिल बहलाएंगे
कभी तो सामने मेरे हुज़ूर आएँगे
कभी तो दिल की सुनोगे अपनी कहोगे
कभी तो मेरे आगोश में रहोगे
आँखें बिछाए बैठी हूँ कब सरकार आएंगे
कब तक तेरी तस्वीर से दिल बहलाएंगे
कभी तो सामने मेरे हुज़ूर आएँगे
कभी तो नज़रों से नज़र मिल ही जाएगी
कभी तो मुरझाई कली ये खिल ही जाएगी
गम वाली रात हतेगी खुशिओं के दिन आएंगे
कब तक तेरी तस्वीर से दिल बहलाएंगे
कभी तो सामने मेरे हुज़ूर आएँगे
तेरे लिए हम अश्कों की माला बनाएंगें
तुम सामने आओगे तो तुमको पहनाएंगे
मेरे हुज़ूर मेरा तोहफा अपनाएँगे
कब तक तेरी तस्वीर से दिल बहलाएंगे
कभी तो सामने मेरे हुज़ूर आएँगे
तेरे इंतज़ार में हम गम को पी जाएंगे
तेरी ख़ुशी के लिए मर मर कर भी जी जाएंगे
होंठों पर कभी अपने शिकवा ना लाएँगे
कब तक तेरी तस्वीर से दिल बहलाएंगे
कभी तो सामने मेरे हुज़ूर आएँगे
बस तेरे ही नाम से साँस चलती है
तेरे ही एहसास से धड़कन मचलती है
तेरे कदमों तले हम अपना दिल बिछाएंगे
कब तक तेरी तस्वीर से दिल बहलाएंगे
कभी तो सामने मेरे हुज़ूर आएँगे
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