क्षण क्षण पिया तेरो रूप
क्षण क्षण पिया तेरो रूप निहारूँ क्षण क्षण को सुख पाऊँ।
हिय माँहि बस गई मोहिनी मुरतिया अबहुँ कैसो सुधि पाऊँ।।
पिया पिया नाम रटे हिय मेरो अबहुँ और क्या चाहूँ।
जिस विधि मेरो प्रियतम रीझै तिस विधि आन मनाऊँ।।
पिया पिया रटती रहे बाँवरिया कौन घड़ी पिया आवे।
दिवस बिताऊँ नाम रटत तेरो रोय रोय रैना जावे
।।
आन मिलो अबहुँ प्राणधन मेरो रैन दिवस अकुलाऊँ।
कौन मेरो हिय की पीर जाने जी कौन सों जाय बताऊँ ।।
Comments
Post a Comment