ये हम न जानते थे
तेरे इश्क़ में ये भी मकाम होंगे ये हम न जानते थे
मिलते हैँ दर्द आहें ये किस्से तमाम होंगें हम न जानते थे
टूटेगा दिल यूँ मेरा हैँ अश्क़ जार जार बहते
तेरे इश्क़ के प्यारे ये सब इनाम होंगें हम न जानते थे
तेरे इश्क़ में....
सोचा था छिपा लेंगें इश्क़ अपना दुनिया से
इस इश्क़ के चर्चे यूँ खुलेआम होंगे हम न जानते थे
तेरे इश्क़ में....
मस्ती में रहते थे दिल में कोई न गम था
खोकर अपने दिल को ये अंजाम होंगें हम न जानते थे
तेरे इश्क़ में....
नज़रें भी तेरी जालिम बरछी सी तेज़ होंगीं
जाने कितने कत्ल यूँ सरेआम होंगे हम न जानते थे
तेरे इश्क़ में.....
बेखुदी का ये आलम भी कुछ ऐसे अजीब होगा
बिक जायेंगे तेरे हाथों हम ऐसे नीलाम होंगें हम न जानते थे
तेरे इश्क़ में ......
तू कुछ इस तरह मेरी रूह में सिमट जाओगे
कितना भी भुलाएँ तुमको हम यूँ ही नाकाम होंगें हम न जानते थे
तेरे इश्क़ में ....
तेरे इश्क़ में ये भी मकाम होंगे ये हम न जानते थे
मिलते हैँ दर्द आहें ये किस्से तमाम होंगें हम न जानते थे
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