इश्क़ के इम्तिहान
यूँ इश्क़ करके मुझसे अब इम्तिहान लेते हो
दिल तो दे ही चुके बोलो कब जान लेते हो
तेरे बिना अब कोई वजूद कहाँ है मेरा
नस नस में बस रहा है साहिब इश्क़ तेरा
तुम मेरे दिल की हर धड़कन पहचान लेते हो
यूँ इश्क़ करके मुझसे........
चलो तुम्हें ये हक है जैसे चाहो तुम खेलो
दिल भी तेरा रूह भी तेरी जो चाहो ले लो
अब तुम क्यों मेरे दर्द के निशान लेते हो
यूँ इश्क़ करके मुझसे .........
तुम्हें भुलाने की सब कोशिशें नाकाम होंगीं
सभी हसरतें मेरी आज तुम पर तमाम होंगीं
क्यों मुझसे दर्द का मेरा सामान लेते हो
यूँ इश्क़ करके मुझसे.........
हसरत है बस अपने आगोश में छिपा लो तुम
क्या लेना इस जहान से अपना मुझे बना लो तुम
तुम मेरे दिल के सारे अरमान लेते हो
यूँ इश्क़ करके मुझसे अब इम्तिहान लेते हो
दिल तो दे ही चुके बोलो कब जान लेते हो
Comments
Post a Comment